कहानी ज़िंदगी की Podcast
1) दीप्ति नवल: 'मिस चमको' सिर्फ़ रुपहले पर्दे पर ही नहीं चमकीं
दीप्ति नवल सिर्फ़ अभिनेत्री नहीं बल्कि कवयित्री, पेंटर, फोटोग्राफर और सोशल वर्कर भी हैं.
2) असरानी: अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर की कॉमेडी की दुनिया
असरानी ने कई तरह के रोल किए लेकिन एक कॉमेडियन के रूप में उन्हें अलग पहचान मिली.
3) सई परांजपे: बच्चों से लेकर बड़ों तक को रिझाने वाली कथाकार
सई की फ़िल्में ना सिर्फ़ मनोरंजक हैं, बल्कि मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज़ में उठाती हैं
4) रत्ना पाठक: रंगमंच से शुरू होकर टीवी और सिनेमा तक पहुंचने का सफ़र
रत्ना की नज़र में भारत से लेकर दुनिया के संस्थानों तक एक्टिंग के अच्छे टीचर हैं ही नहीं.
5) सुरेश वाडकर: आवाज़ जो दिलों को छूती है
सुरेश वाडकर ऐसे गायक हैं जिनकी आवाज़ रूहानियत, शास्त्रीयता और भावनाओं का अनोखा संगम है.
6) अनुराधा पौडवाल:गुलशन कुमार और लता से 'आशिकी' तक
अनुराधा पौडवाल फ़िल्मों तक सीमित नहीं रहीं, भजनों के ज़रिए भी वो एक बड़े वर्ग तक पहुंचीं.
7) सुप्रिया पाठक: 'बाज़ार' की 'खिचड़ी' से दर्शकों का दिल जीतने वाली
वो नाटक का मंच हो, सिनेमा का पर्दा हो, या टीवी की स्क्रीन, सुप्रिया ने हर जगह छाप छोड़ी.
8) उस्ताद अमजद अली ख़ान: नवाबों के दरबार से निकल सरोद की दुनिया रचने वाले
अमजद अली ख़ान के पुरखों ने ही मध्य एशिया के वाद्य रबाब को संवारते हुए सरोद की शक्ल दी.
9) अंजन श्रीवास्तव: 'वागले की दुनिया' का वो पिता जो आम आदमी है
अंजन श्रीवास्तव ने अपनी सादगी और विश्वसनीय अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई.
10) पं. हरिप्रसाद चौरसिया: बांसुरी का वो 'सिलसिला' जिसमें हैं ज़िंदगी के 'लम्हे'
पहलवानों के खानदान में पैदा हुए हरिप्रसाद चौरसिया ने आखिर बांसुरी को ही क्यों चुना?